सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
कांग्रेस चाहती है विपक्ष प्रपोज करे - और वो ड्राइविंग सीट से ही 'आई लव यू' बोले
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपना पुराना संदेश ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को फिर से भेजना चाहते थे, तभी सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने मौके पर ही साफ कर दिया कि विपक्षी एकता भी आग का दरिया ही है - जो डूब कर पास पहुंचेगा कांग्रेस उसे ही अपनाएगी.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में आखिर चल क्या रहा है?
गांधी परिवार किसी भी सूरत में पार्टी पर कब्जा नहीं छोड़ना चाहता है. परिस्थितियां प्रतिकूल होने लगी तो राहुल गांधी चुना हुआ अध्यक्ष बनने को तैयार हो सकते हैं. और अगर वो नहीं मानें तो प्रियंका गांधी को आगे कर सबको चुप कराया जा सकता है. दरअसल कांग्रेस के संविधान के अनुसार अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाने चाहिए.
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हिंदुत्व पॉलिटिक्स से राहुल गांधी मुस्लिम वोट पर जोखिम जानबूझ कर उठा रहे हैं
मुस्लिम पार्टी के ठप्पे से उबरने की कोशिश में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लेटेस्ट हिंदुत्व पॉलिटिक्स (Hindutva Politics) काफी जोखिमभरी है, लेकिन कांग्रेस जानबूझ कर आगे बढ़ रही है - क्योंकि वो भी मुस्लिम वोटर (Muslim Voter) की मजबूरी समझती है.
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हिंदुत्व का जो पक्ष मीरा कुमार ने उजागर किया है, RSS पहले से ही उससे जूझ रहा है
मीरा कुमार (Meira Kumar) ने हिंदुत्व को लेकर जिस फिक्र का जिक्र किया है वो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से बिलकुल अलग है, लेकिन मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के लिए वो अरसे से चिंता का विषय रहा है - क्योंकि 'एक कुआं, एक श्मशान और एक मंदिर' का फॉर्मूला अब तक नाकाम ही रहा है.
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हिंदू-हिंदुत्व का फर्क स्पष्ट करने वाले राहुल गांधी 'राष्ट्रवाद' पर मार्गदर्शन कब देंगे?
मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने कांग्रेस में राष्ट्रवाद पर बहस वैसे ही शुरू की है, जैसे सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने हिंदू-मुस्लिम विमर्श - महत्वपूर्ण ये देखना होगा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) क्या नजरिया पेश करते हैं क्योंकि कांग्रेस का राजनीतिक पथ प्रदर्शन तो उसी से होगा.
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भाजपा ने चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम करने का ठेका विपक्षी दलों को दे दिया है!
2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कुछ बदला हो या ना बदला हो. लेकिन, चुनाव लड़ने का तरीका जरूर बदल दिया है. क्योंकि, अब भारत में होने वाले सभी चुनावों में इन समीकरणों को साधने का काम आजकल ठेके यानी जिम्मेदारी (UP Elections 2022) पर देने का चलन बन गया है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
सलमान खुर्शीद को एहसास हो रहा है कि वे कुछ ज्यादा ही बोल गए हैं!
हिंदू धर्म और हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक स्टेट और बोको हराम से करने के कारण सलमान खुर्शीद आलोचकों के निशाने पर हैं. विरोध की आग उत्तराखंड में नैनीताल के उनके घर तक पहुंच गई है. प्रदर्शनकारियों ने वहां आगजनी और तोड़फोड़ की. अब सलमान नाराज लोगों से कह रहे हैं कि मुझसे बात कीजिये, हो सकता है कि मैं बदल जाऊं.
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